Sunday, February 5, 2023

क्या बताऊँ||ग़ज़ल||शीलू अनुरागी

 


2. क्या बताऊँ?

क्या बताऊँ मेरे दिल का क्या हाल रहता है।
हर पल ये तेरी याद में बेहाल रहता है।

जन्नत परी या उर्वशी कुछ भी नहीं हैं अब,
सब में बस तुझे ही बेमिसाल कहता है।

नब्ज़ देख ले कोई या रख दे दिल पे हाथ,
अब धड़कनों में एक ही सवाल रहता है।

जिससे ज़रा सी ठेस न बर्दाश होती थी,
कैसे वो दर्द-ए-दिल भी कमाल सहता है।

क्या हुई है ख़ता मुझसे क्यों तू बोलती नहीं,
बता दे तेरे दिल में क्या मलाल रहता है।

न जान पाए दुनिया पर समझ जाए तू,
कुछ इस तरह से शीलू अपना हाल कहता है।

-शीलू अनुरागी


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