Thursday, July 20, 2023

||बात बनाना आता है||शीलू अनुरागी||

 बात बनाना आता है

लेकर जन्म जो भारत में,
इस दुनिया में आता है।
कुछ और उसे न आए लेकिन,
बात बनाना आता है।

किसी को इज्जत ढकने को,
इक चिथड़ा तो ये देना सकें ।
लेकिन देख कर उसकी हालत,
तरस जताना आता है।
कुछ और उसे न आए लेकिन
बात बनाना आता है।

दुर्घटना के आसारों पर,
कभी रोक लगा न पाएँ ये।
लेकिन दुर्घटना घटने पर,
इन्हें भीड़ लगाना आता है।
कुछ और उसे न आए लेकिन,
बात बनाना आता है।

अपनी ग़लती जितनी भी हो,
स्वीकार नहीं कभी करते हैं।
पर गलती का इक-दूजे पर,
इल्ज़ाम लगाना आता है।
कुछ और उसे न आए लेकिन,
बात बनाना आता है।

क़ानून भी अपने भारत का,
मानो यार गजब का है।
जल्दी का मतलब जाने ना,
पर देर लगाना आता है।
कुछ और उसे न आए लेकिन,
बात बनाना आता है।

लूट आबरू की जो करते,
उन्हें दण्ड ये देना सकें ।
पर पन्छी की आज़ादी पर,
पाबंद लगाना आता है।
कुछ और उसे न आए लेकिन,
बात बनाना आता है।

-शीलू अनुरागी

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