Tuesday, July 14, 2020

एक शायरी||दिल को छूने वाली शायरी||

माना, कि ये शायर, तेरा न हो सका...
पर आज भी ये सिर्फ तेरा ही शायर है..
शीलू अनुरागी

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||थी कौन, कहाँ से आई थी||कविता||शीलू अनुरागी||

  थी कौन, कहाँ से आई थी थी कौन, कहाँ से आई थी, पूछा नहीं उसका हाल। जिसके अधर मितभाषी थे, पर नैन बहुत वाचाल। हवा के संग में उड़ता था, परचम सा ...