Thursday, March 18, 2021

शायरी

 मैं डगमगाऊँ तो भी, मुझे थामने न आना!!

बेशक़ तू मुझे देखना, पर सामने न आना!!

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||थी कौन, कहाँ से आई थी||कविता||शीलू अनुरागी||

  थी कौन, कहाँ से आई थी थी कौन, कहाँ से आई थी, पूछा नहीं उसका हाल। जिसके अधर मितभाषी थे, पर नैन बहुत वाचाल। हवा के संग में उड़ता था, परचम सा ...